12 Jul 2013
तेलंगाना पर कांग्रेस की अहम बैठक आज, राहुल ले सकते हैं हिस्सा
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि पार्टी कोर समूह की एक अहम बैठक में आज तेलंगाना मुद्दे पर ‘यथास्थिति बनाए रखने या अलग राज्य के गठन’ के दोनों विकल्पों को खुला रखते हुए चर्चा होगी क्योंकि इस पर फैसला किए जाने को और अधिक टाला नहीं जा सकता। आंध्र प्रदेश के लिए पार्टी के प्रभारी सिंह ने बताया कि भारत सरकार संप्रग के साझेदारों से परामर्श करेगी लेकिन विपक्षी पार्टियों को भी राजी करना होगा क्योंकि फैसले के लिए संविधान में संशोधन की जरूरत पड़ सकती है।
हालांकि, सिंह ने इस मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट नहीं किया। यह पूछे जाने पर कि क्या अलग तेलंगाना राज्य के गठन को लेकर कोई फैसला किया गया है, सिंह ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता। भारत सरकार को संप्रग के साझेदारों से परामर्श कर इस पर फैसला करना है। चूंकि इसके लिए संविधान में संशोधन की जरूरत होगी, इसलिए हमें विपक्षी दलों को भी विश्वास में लेना होगा।’’
इन खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने तेलंगाना के लोगों को कुछ ‘खुशखबरी’ देने का वादा किया है, सिंह ने कहा कि उन्होंने सिर्फ यह फैसला किये जाने का भरोसा दिलाया है कि अस्पष्टता की कोई स्थिति नहीं रहेगी। सिंह की टिप्पणी मायने रखती है क्योंकि यह इन अटकलों के बीच आई है कि कांग्रेस अलग राज्य के गठन पर विचार कर सकती है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री तथा अन्य नेता कोर समूह में शामिल हैं। जिसकी बैठक में शरीक होने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री किरन कुमार रेड्डी, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बी सत्यनारायण और उप मुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा को आमंत्रित किया गया है। इस बारे में एक रिपोर्ट सोनिया गांधी को सौंप चुके कांग्रेस महासचिव सिंह इसकी विषय वस्तु के बारे में और अलग तेलंगाना राज्य गठन के सकारात्मक या नकारात्मक पक्ष तथा एक एकीकृत आंध्र प्रदेश कायम रखने के बारे में कोई टिप्पणी करने से बचते दिखे।
सिंह ने कहा, ‘‘मैंने मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस समिति अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री से दोनों विकल्पों को खुला रखते हुए 2014 के विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए एक राजनीतिक रणनीति का खाका तैयार करने को कहा है।’’ रायलसीमा से दो जिलों को तेलंगाना क्षेत्र में जोड़कर रायल-तेलंगाना के गठन की योजना की खबरों के बीच क्या कोई तीसरा विकल्प भी मौजूद है, सिंह इन सवालों को नजरअंदाज करते दिखे।
उन्होंने कहा, ‘‘वे कोर समिति के समक्ष 12 जुलाई को एक प्रस्तुति देने जा रहे हैं जिसके आधार पर भारत सरकार कोई फैसला करेगी इसे बाद उसे लागू करना हमारी जिम्मेदारी बन जाएगी। दोनों मुद्दों के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू हैं। आखिरकार, फैसला सरकार को करना है।’’ इस मुद्दे पर पार्टी की प्रतिबद्धता के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा ‘‘ यदि आप चुनाव घोषणापत्र देखें तो हमने द्वितीय राज्य पुनर्गठन आयोग का वादा किया था।’’
सिंह ने कहा कि 2004 के चुनाव घोषणापत्र में कांग्रेस ने विशेष रूप से तेलंगाना मुद्दे पर कोई वादा नहीं किया था। लेकिन चुनाव के बाद जब उसने तेलंगाना समर्थक टीआरएस के साथ गठजोड़ किया तो न्यूनतम साझा कार्यक्रम में कहा गया कि संप्रग सरकार अलग तेलंगाना राज्य के गठन पर जरूरी परामर्श होने और आमराय बनने के बाद उपयुक्त वक्त पर विचार करेगी।
यह पूछे जाने पर क्या कांग्रेस तेलंगाना पर किए वादे से पीछे हटने जा रही है या इसने अभी तक सारे विकल्प खुले रखे हैं, सिंह ने कहा, ‘‘ किसी भी स्तर पर विश्वासघात का कोई सवाल ही नहीं है। फैसला किए जाने को और अधिक टाला नहीं जा सकता, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रणनीति बना रहे हैं। इस वक्त मैं कुछ नहीं कह सकता।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस को इस बात की चिंता है कि उसके द्वारा तेलंगाना राज्य का गठन करने पर इसका सारा श्रेय टीआरएस ले लेगी, इस पर सिंह ने कहा, ‘‘हम श्रेय पाने या ना पाने के लिए काम नहीं करते। हमारे लिए यह कोई मुद्दा नहीं है। हम इस आधार पर काम करते हैं कि देश, जनता और राज्य के लिए क्या अच्छा है।’’
वाईएसआर कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व या चुनाव बाद गठजोड़ किए जाने की कोई संभावना होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व गठबंधन के बारे में विचार एके एंटनी के नेतृत्व वाली समिति कर रही है। जहां तक चुनाव बाद के गठजोड़ का सवाल है यह अगले चुनाव में लोगों द्वारा मिलने वाले जनादेश पर निर्भर होगा।
राहुल गांधी हो सकते हैं बैठक में शामिल
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी कल पार्टी के कोर समूह की बैठक में भाग ले सकते हैं जिसमें तेलंगाना के निर्माण के जटिल मुद्दे पर ठोस राय व्यक्त की जा सकती है। इस साल जनवरी में जयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर में राहुल को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद कांग्रेस कोर समूह की यह पहली बैठक होगी जिसमें राहुल भाग लेंगे।
कोर ग्रुप सामान्य तौर पर हर शुक्रवार को प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर बैठक करता है और सरकार के सामने आने वाले प्रमुख मुद्दों पर पार्टी की राय तय करता है। राहुल को उपाध्यक्ष बनाये जाने के बाद से ही उन्हें कोर समूह का सदस्य बनाये जाने की अटकलें हैं। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि राहुल भविष्य में भी कोर समूह की बैठकों में हिस्सा लेंगे या नहीं।
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